सबके पास कुछ ना कुछ सुझाव होना चाहिए।
पहले मातृभूमि से लगाव होना चाहिए।
जिंदगी की कीमत, समझें इसकी जरूरत
इसके लिए थोड़ा तो अभाव होना चाहिए।
हो गए हो बोर, सुन के एक जैसा शोर
जिंदगी में कुछ तो बदलाव होना चाहिए।
सुन्दर ऊपर से ही, मायने कोई नहीं
भीतर से श्रृंगार और बनाव होना चाहिए।
खाली है जेहन, कुविचारों का मनन
सुन्दर ख्यालातों का भराव होना चाहिए।
जो भी तुझको देखे, तुझसे कुछ ना कुछ तो सीखे
तुझसे प्रेरणा का ऐसा स्राव होना चाहिए।
छोड़ लालच, लोभ, हो, बिना किसी क्षोभ
दुनिया में कहीं भी गर चुनाव होना चाहिए।
यही सबका मंत्र, जिएं सारे ही स्वतंत्र
किसी का न किसी पे दबाव होना चाहिए।
रुकना नहीं तू, प्यारे, थकना नहीं तू
जिंदगी में नदी सा बहाव होना चाहिए।
हो जाए आसान, झोंक, दे तू यदि जान
लक्ष्य के प्रति ही तेरा चाव होना चाहिए।
जो भी लगे सच्चा, व्यवहार तुझे अच्छा
औरों के प्रति तेरा वो भाव होना चाहिए।
जो ना दे सम्मान, करे तेरा अपमान
तुरत ही उससे अलगाव होना चाहिए।
राजनीति साथ, या फिर कुश्ती की हो बात
उल्टा ना पड़ जाए ऐसा दांव होना चाहिए।
मेहनतकश किसान, दे, जुझारू जवान
ऐसा देश का हर एक गांव होना चाहिए।
राज ज्यादा खोल, ना तू बोल बड़े बोल
बातों में सागर सा ठहराव होना चाहिए।
जुबान पे अड़ा, तू मजबूती से खड़ा
तेरा कहा अंगद का पांव होना चाहिए।
तूने जो कहा, हो पत्थर का लिखा
तेरा तेरी बातों पे टिकाव होना चाहिए।
जो करे नुकसान, आफत में पड़ जाए जान
दिल में ऐसा गुस्सा और ना ताव होना चाहिए।
मुद्रा हो गंभीर, मन में धारण कर ले धीर
किसी पर तो तेरा कुछ प्रभाव होना चाहिए।
सुधरे कल और आज, हो सुरक्षित ये समाज
बच्चों का कुछ ऐसा रखरखाव होना चाहिए।
सच की होवे जीत, ना हो सच भयभीत
सच्चाई का दिल में एक अलाव होना चाहिए।
होती तकरार, टूटते हैं परिवार
ऐसा कहीं भी न बिखराव होना चाहिए।
जानों पिछली पीढ़ी, आगे बढ़ने की है सीढ़ी
बाप बेटे का ना मनमुटाव होना चाहिए।
ना हो जातपात, ना रुपए पैसे की बात
कभी ना किसी से भेदभाव होना चाहिए।
अपने लिए चाहें, जिसे रोज़ हम सराहें
ऐसा ही हमारा बर्ताव होना चाहिए।
जहाँ मिले ज्ञान, कुछ सीखे इन्सान
ऐसी जगह के प्रति झुकाव होना चाहिए।
जल जीवन है सच, वृक्ष वायु देते स्वच्छ
पानी और पेड़ो का तो बचाव होना चाहिए।
व्यक्ति या दरख़्त, चाहे व्यक्त, परित्यक्त
जड़ों से ना किसी का कटाव होना चाहिए।
लूट, बलात्कार, होता देश शर्मसार
ऐसी घटनाओं का रुकाव होना चाहिए।
मेरा ये वतन, खूबसूरत सा चमन
यहां ना कहीं भी पथराव होना चाहिए।
हो गए आज़ाद, नहीं अनुशासन की बात
खुद के ऊपर थोड़ा तो कसाव होना चाहिए।
सेहत हो गई धूल, खाना पीना गए भूल
ऐसा भी क्या जीवन में तनाव होना चाहिए।
रचना मेरी, बताएं अच्छी या बुरी
सबके पास कुछ ना कुछ सुझाव होना चाहिए।
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