मरना पड़ता है
ये जिन्दगी है जनाब यहाँ सबके लिये जीना पड़ता है,
सब में से ही किसी एक के लिए रोज थोड़ा थोड़ा मरना पड़ता है।
हम अपनों के लिए खुद को रोज थोड़ा कुर्बान करते हैं,
दुर्भाग्य हमारा कि वही अपने हमें बदनाम करते हैं।
जिन्दगी है जनाब अन्तर्मन से मर कर तन से जीना पड़ता है,
मतलब के संसार में कोई किसी का ना अपना है।
जिन्दगी है जनाब स्वार्थी संसार में जतन से जीना पड़ता है,
साँसें लेना और साँसों का खत्म हो जाना के बीच में साँसों का कम हो जाना भी सहना पड़ता है।
जिन्दगी है जनाब रोज थोड़ा थोड़ा मरना पड़ता है।
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