मात वीणा के स्वरों से (सरस्वती वंदना)
मात वीणा के स्वरों से कुछ स्वरों को खींचकर,
राम की विनती यही है, कन्ठ में भर दीजिए।
आपका यह हंस वाहन है धवल शुभता लिए,
मेरे जीवन को भी मैया शुभ धवल कर दीजिए।
आप से आरम्भ शुभ है आप बुद्धि प्रदायिनी।
आप के सेवक है हम सब मात वीणावादिनी।
उच्च कोटि की हो रचना, उच्च कोटि विचार हों।
कुविचारों को मिटाओ, श्वेत कमल निवासिनी।
सत्य के प्रहरी बनें हम, सत्य की दें लौ जला,
इतने सक्षम बन सके हम मात यह वर दीजिए।
मात वीणा के स्वरों से................................
नेत्र से हो दया की वृष्टि मात हे ममतामयी।
आपकी हो कृपा की दृष्टि कर्म शुभ कर दें कई।
शब्द से लब्ध व प्रबुद्ध और शुद्ध बुद्धि दीजिए।
कि करें हम लोकहित में नित्य प्रति रचना नई।
धर्म के संग्राम में हम सत्य के साधक बने,
कुविचारों को जो मारे माँ धनुष शर दीजिए।
मात वीणा के स्वरों से................................
आपसे आशीष ले कर जग सुवासित हम करें।
आपके वन्दन से स्वयं को धर्म पोषित हम करें।
जो है भूले और भटके मार्ग हम दिखला सकें।
आपका गुणगान गाकर परमानंदित हम करें।
आपकी आराधना कर आपकी कर साधना।
आपके चरणों में बैठूँ मात अवसर दीजिए।
मात वीणा के स्वरों से कुछ स्वरों को खींचकर,
राम की विनती यही है, कन्ठ में भर दीजिए।
आपका यह हंस वाहन है धवल शुभता लिए,
मेरे जीवन को भी मैया शुभ धवल कर दीजिए।
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