माँ शारदे वन्दना
"राम पुकारे आपको, माँ सादर सम्मान।
जोड़ खड़ा कर द्वार पर मांगे यह वरदान।
भक्तों की जिह्वा करे, वन्दन और आह्वान।
कृपा, दया हो आपकी, करें लक्ष्य संधान।"
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर लहरियों का वर दीजिए।
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर मेरे गीतों में भर दीजिए।
मोती से जैसे बनती है माला
अक्षर से शब्द और कविता लिखूँ।
चलता है जीवन ज्यों अनवरत,
मैं सार्थक काव्य सरिता लिखूँ।
माँ शारदे, माँ शारदे इतनी कृपा तो कर दीजिए।
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर मेरे गीतों में भर दीजिए।
ज्यों दीप जलता अकेले भले,
मैं भी तमस से यूं लड़ सकूं।
जग को प्रकाशित करता रवि,
स्वयं को प्रकाशित मै कर सकूं।
माँ शारदे, माँ शारदे वाणी में शुभ शब्द धर दीजिए।
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर मेरे गीतों में भर दीजिए।
ज्यों सीप भीतर मोती बने,
मेरा हृदय संस्कारित रहे।
जिह्वा पे गुणगान हो आपका
और आप पर आधारित रहे।
माँ शारदे, माँ शारदे चरणों में मुझको घर दीजिए।
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर मेरे गीतों में भर दीजिए।
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर लहरियों का वर दीजिए।
माँ शारदे, माँ शारदे स्वर मेरे गीतों में भर दीजिए।
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