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धुंआ धुंआ

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  धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है रे..... धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है रे..... मुश्किल धुंए में है जीना आसां नहीं साँस लेना कब तक धुएं में जिओगे एक दिन ये तुम भी कहोगे हो....., हो....., हो....., हो..... मुश्किल धुंए में है जीना आसां नहीं साँस लेना कब तक धुएं में जिओगे एक दिन ये तुम भी कहोगे हो....., हो..... छोड़ गांजा फूंकना, तू छोड़ हुक्का रे छोड़ दे कश खींचना, तू छोड़ सुट्टा रे हो हो छोड़ गांजा फूंकना, तू छोड़ हुक्का रे छोड़ दे कश खींचना, तू छोड़ सुट्टा रे धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है रे..... धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ धुंआ धुंआ है धुंआ धुंआ, धुंआ धुंआ है रे..... आदत जो तुमको लगी है यारी नहीं दुश्मनी है सबने कहा अब तो छोड़ो जीवन से नाता तो जोड़ो हो....., हो....., हो....., हो..... आदत जो तुमको लगी है यारी नहीं दुश्मनी है सबने कहा अब तो छोड़ो जीवन से नाता तो जोड़ो हो....., हो..... छोड़ गांजा फूंकना, तू ...

आज, अभी नशे का सामान छोड़ दीजिए

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दिल होकर बीमार, जिसकी हालत तार तार कहता है कि आप धूम्रपान छोड़ दीजिए। लीवर है खराब, डॉक्टर देते हैं जवाब आप जाना दारू की दुकान छोड़ दीजिए। काले लाल दांत, नहीं होते है बर्दाश्त आप गुटखा, खैनी और पान छोड़ दीजिए। लग गई है लत, कैसे छूटेगी कमबख्त आप देना फालतू का ज्ञान छोड़ दीजिए। छोड़ो ये नशा और अपने मन को मना मजबूती से अपने दिल में ठान छोड़ दीजिए। नशे से बर्बाद, लोग करते हैं फरियाद आज, अभी नशे का सामान छोड़ दीजिए।

बस एक गुलाब चाहता हूं

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अब मैं आंखों में ऐसा एक ख़्वाब चाहता हूं दहलीज ए कब्र पर मेरी बस एक गुलाब चाहता हूं मेरे सवालों की फेहरिस्त में जो एक सवाल है मेरे क़ातिल से मैं उसका जवाब चाहता हूं हमदोश तो खुशी में शामिल कई हैं लेकिन इज़हार ए ग़म को भी एक अहबाब चाहता हूं देखा है इंसां की शक्ल में भेड़ियों को सो आज ही की शब में वो अज़ाब चाहता हूं आज के मुबैयना शायर जो कहकर दाद पाते हैं  इल्म अपनी भी शायरी में इतना खराब चाहता हूं वो मज़हब के लोग तो मियां क़ाफ़िर हैं ऐसे हर्फ  जिसमें लिखे हों वो मुकम्मल किताब चाहता हूं जदीद रोज़ ए हिसाब के पहले तो मुमकिन ही नहीं है ये क्या की आज आफताब तो कल मेहताब चाहता हूं Insta ID - @jadeed_nazmkaar Link - https://www.instagram.com/jadeed_nazmkaar?utm_source=qr&igsh=NzBud2hxNzhkOHo5

सबके पास कुछ ना कुछ सुझाव होना चाहिए।

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कुछ हो कारोबार, जाती, धर्म, परिवार पहले मातृभूमि से लगाव होना चाहिए। जिंदगी की कीमत, समझें इसकी जरूरत इसके लिए थोड़ा तो अभाव होना चाहिए। हो गए हो बोर, सुन के एक जैसा शोर जिंदगी में कुछ तो बदलाव होना चाहिए। सुन्दर ऊपर से ही, मायने कोई नहीं भीतर से श्रृंगार और बनाव होना चाहिए। खाली है जेहन, कुविचारों का मनन सुन्दर ख्यालातों का भराव होना चाहिए। जो भी तुझको देखे, तुझसे कुछ ना कुछ तो सीखे तुझसे प्रेरणा का ऐसा स्राव होना चाहिए। छोड़ लालच, लोभ, हो, बिना किसी क्षोभ दुनिया में कहीं भी गर चुनाव होना चाहिए। यही सबका मंत्र, जिएं सारे ही स्वतंत्र किसी का न किसी पे दबाव होना चाहिए। रुकना नहीं तू, प्यारे, थकना नहीं तू जिंदगी में नदी सा बहाव होना चाहिए। हो जाए आसान, झोंक, दे तू यदि जान लक्ष्य के प्रति ही तेरा चाव होना चाहिए। जो भी लगे सच्चा, व्यवहार तुझे अच्छा औरों के प्रति तेरा वो भाव होना चाहिए। जो ना दे सम्मान, करे तेरा अपमान तुरत ही उससे अलगाव होना चाहिए। राजनीति साथ, या फिर कुश्ती की हो बात उल्टा ना पड़ जाए ऐसा दांव होना चाहिए। मेहनतकश किसान, दे, जुझारू जवान ऐसा देश का हर एक गांव होना चाहिए। राज ...

जैसे कोई कर्ज हो उमर भर ठहरा

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एक गुनाह कुछ यूं हमारे सर पर ठहरा  जैसे कोई कर्ज हो उमर भर ठहरा चला था ख़ाबों में देखे हर रास्ते पर मैं   जनम का अंधा मैं हर रास्ते पे जा कर ठहरा गया है जब से वो शक़्स जिसको हम वालिद कहते थे  हमारी आँखों में तब से है कोई समुंदर ठहरा उदासी का मौसम जिस बस्ती में छाया हो  समझो वही एक कोने में मेरा घर ठहरा लेकर आए कभी लिफ़ाफ़े में बंद एक खुश खबरी  कहां मुकद्दर में मेरे ऐसा कोई नामाबर ठहरा इश्क में होते हुए भी साथ था मैं दूसरी के भी  कैसे कह दूं की किसी का भी मैं उम्र भर ठहरा ये शगुफ़ नहीं है कहानी है ज़ीश्त की मेरी  फकत एक यही मुझमें अब तलक हुनर ठहरा "जदीद" ऐसी ग़ज़ल कहते हो कि मालूम होता है  अगले जमाने का तुमको कोई हो डर ठहरा Insta ID - @jadeed_nazmkaar Link - https://www.instagram.com/jadeed_nazmkaar?utm_source=qr&igsh=NzBud2hxNzhkOHo5

शून्य

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मैं शून्य क्यों मानती हूँ अपने आप को। आओ बताऊं कविता में अपने इतिहास को।। मेरी आन, बान, शान भारत मेरा देश है। जन्म स्थान बिहार जो मेरे लिए विशेष है।। 94,163 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले बिहार में मैं अनीता शून्य हूँ। भारत के 2.86 प्रतिशत मानवों में मैं शून्य हूँ।। राज्यों के क्षेत्रफल में 12 वाँ इसका स्थान है। उत्तरी दिशा नेपाल से सटे मधुबनी के गांव अरेर में मेरा जहान है।। 173 फिट 53 मीटर समुद्र से बिहार की ऊंचाई है। लम्बाई 345 किमी और 483 किमी. चौड़ाई है।। शून्य से कम कुछ नहीं इसलिए खुद को मैं जीरो मानती हूँ। जीरो से हीरो का सफर तय निश्चित होगा ऐसा मैं मानती हूँ।।

चुभे क्यूं तीर सबको मेरी आवाज के

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चुभे क्यूं तीर सबको मेरी आवाज के  नाखून हैं क्या ये किसी चील बाज के गर हम में शोखी है नहीं तो हम चाहते भी ये है कि हमसे आके मिले लोग हों जो हममिज़ाज के मेरे मकां में कोई भी इंसान नहीं है पर  दो चार बोरे पड़े हुए है यूं ही अनाज के नगदी नहीं है जेब में मगर फोन पे में है  यूं ही कुछ ढाई सौ रुपए वो भी ब्याज के इतनी नादारी है की अब कैसे जुगाड़े हम  बिस्तर पर पड़ी मां के लिए पैसे इलाज के होते थे पहले लाखों में दो चार ही शायर  दो लाइन लिख के बच्चे बने हैं शायर आज के आखिर वो भी लटक गया एक पंखे से "जदीद"  सह नहीं पाया वो भी ताने समाज के Insta ID - @jadeed_nazmkaar Link - https://www.instagram.com/jadeed_nazmkaar?utm_source=qr&igsh=NzBud2hxNzhkOHo5