देवदूतों को शुक्रिया
कहानी सत्रह दिन सुरंग मे फंसे मजदूरों की है। सिसकियां उनके परिवार की और जिम्मेदारी के कारण घर से दूर उन मजबूरों की है।। इकतालिस जान के साथ इकतालिस परिवार बसे थे। टनल मे सुरंग धंसने की वजह से ये मजदूर फंसे थे।। भारत देश के देवदूतों ने हार नही मानी। अपनी बुद्धि से बचाई उन्होंने इकतालिस जिन्दगानी।। उत्तराखण्ड में 12 नवम्बर 2023 है को वो मजदूर कहां जानते थे कि ऐसा हो जायेगा। देवदूतों को नमन व बारम्बार शुक्रिया अब ये मजदूर उनकी कृपा से अपने घर पहुंच पायेगा।।