जिसे हम दिवाली कहते हैं।
जिसे हम दिवाली कहते हैं।
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उत्सव है प्रकाश का,
सत्य और विश्वास का,
हर्ष और उल्लास का,
श्रद्धा का और अरदास का,
जिसे हम दिवाली कहते हैं।
सदियों पुरातन पर्व है,
हर भारतीय का गर्व है,
यह सनातनी त्यौहार है,
संस्कृति का आधार है,
जिसे हम दिवाली कहते हैं।
पाप का कर कर शमन,
प्रभु राम का हुआ आगमन,
स्मरण में उनके सदा,
मनाते हैं हम दिए जला,
जिसे हम दिवाली कहते हैं।
विनती है गणाधीश से,
माँ लक्ष्मी के आशीष से,
सम्मान दें, सम्मान लें,
धन लाभ सहित सब जान लें,
जिसे हम दिवाली कहते हैं।
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