फीका सिंदूर

 



तन मिलता पर मन मिलता नहीं,

हँस कर निभाती है स्त्री दुनिया का दस्तूर।

कुछ स्त्रियों के भाग्य में होता है फीका सिंदूर।।


माँग सजाने के कुछ पल बाद से ही,

उड़ जाता है स्त्री के चेहरे का नूर।

कुछ स्त्रियों के भाग्य में होता है फीका सिंदूर।।


स्त्री जीवन बिताती है परिवार में कुछ,

सामाजिक व पारिवारिक कारणों से होकर मजबूर।

कुछ स्त्रियों के भाग्य में होता है फीका सिंदूर।।


संस्कार, मर्यादा, परिवार की भावनाओं के कारण,

स्त्री होकर भी बेकसूर,

चुपचाप हँस कर लगाती है अपने माँग में फीका सिंदूर।

कुछ स्त्रियों के भाग्य में होता है फीका सिंदूर।।

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