इस दिल का अफसाना

 



ये प्यार न ठुकराना,
ना समझो अनजाना।

दिल दिल से कहता है,
जज़्बात समझ जाना।

माना कि ये दिल मेरा,
बन बैठा दीवाना।

इकरार करे कैसे,
मुश्किल है समझाना।

चाहत तो है दिल की,
हाल-ए-दिल बतलाना।

नफरत को हसरत का,
पागलपन दिखलाना।

एक रोज़ यकीं हमको,
होगा तुमको आना।

जिस दिन तुम समझोगे,
इस दिल का अफसाना।

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