इज्जत से ईश आपको अशफ़ाक करेगा
कहता है दिल,
जो दिल की भावना को ना समझे।
तो आपकी इज्जत,
ये दिल क्या खाक करेगा।।
जब बार बार पूछें
और जवाब ना मिले।
तब फैसले दिल
अपने ही बेबाक करेगा।।
इज्जत जो चाहते हैं तो
इज्जत भी दीजिए।
अपमान का एक घूंट भी
सब राख करेगा।।
जब खुद को ही,
औरों में भी देखेंगे, पाएंगे।
इज्जत से ईश आपको,
अशफ़ाक करेगा।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें