खुल के जियो


 
पहन ओढ़ कर श्रृंगार करना,
आप स्त्री हो,
सबसे पहले खुद से प्यार करना।


मुस्कुराना और खिलखिलाना,
आप स्त्री हो,
सबसे पहले अपने मन और तन को तैयार करना।


पता नहीं कब ईश्वर हमें बुला ले,
किसी और की जरूरत नहीं,
हम खुद ही स्वयं को मना लें।


खुल कर जिन्दगी जीना,
आप स्त्री हो,
सबसे पहले खुद से प्यार करना।


चेहरे पर मुस्कान आँखों मे चमक रखना,
आप स्त्री हो,
सबसे पहले खुद से प्यार करना,
आप स्त्री हो।

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