त्रेता है श्री राम का


 
शीर्षक: त्रेता है श्री राम का

त्रेता है श्री राम का, दशरथ नंदन राम का।
धर्म विजय का है प्रतीक जो श्री रामेश्वर धाम का।।

त्रेता श्रवण कुमार का, मात पिता के प्यार का।
श्राप में वर दशरथ जी पाए, पुत्र विष्णु अवतार का।।

त्रेता परशुराम का, शिव के धनुष विखंडन का।
मात पिता के आशीर्वाद से राम सिया के बंधन का।।

त्रेता दो वरदान का, दशरथ जी के प्राण का।
वन में जाते, राम सिखाते, पाठ चरित निर्माण का।।

त्रेता है कौशल्या का, छोटी बहन सुमित्रा का।
पुत्र बिछोह का दुख है जिसमें ऐसी कठिन तपस्या का।।

त्रेता कैकई माता का, भरत शत्रुघ्न भ्राता का।
चौदह वर्षों कड़ी प्रतीक्षा, उनकी धर्म पताका का।।

त्रेता सीता मैया का, प्यारे लक्ष्मण भैया का।
सरयू की पावन धारा का और केवट की नैया का।।

त्रेता माता शबरी का, त्याग अयोध्या नगरी का।
श्रृंगवेरपुर राजा गुह की मित्र मिलन बेसब्री का।।

त्रेता सिंधु तीर का, वृद्ध जटायु वीर का।
जहां सिया का हुआ अपहरण बेबस पर्ण कुटीर का।।

त्रेता पशु सम बाली का, पापी शक्तिशाली का।
सुग्रीव जी के कष्टों का और उनकी खुशहाली का।।

त्रेता अंगद युक्ति का, मात अहिल्या मुक्ति का।
हनुमान बजरंग बली की भक्ति, युक्ति, शक्ति का।।

त्रेता धर्म के ज्ञान का, रावण के अभिमान का।
राम काज को तत्पर रहते महाबली हनुमान का।।

त्रेता भक्त विभीषण का, राक्षसराज दशानन का।
साधू संत उबारन का, दुष्ट असुर संहारण का।।

त्रेता है रामायण का, त्याग और प्रेम समर्पण का।
मानव जीवन कैसा हो जब मार्ग कठिन हो जीवन का।।

स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित
रामचन्द्र श्रीवास्तव

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