पर्यावरण संरक्षण


 

जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।

खुद भी हमें समझना होगा, लोगों को समझाना होगा।।

कुछ को मैं झकझोर जगा दूं, कुछ को तुम्हे जगाना होगा।

प्रेरित हो, सब साथ चलें, कुछ ऐसा कर दिखलाना होगा।।


जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।


भूमि जकड़े पेड़ खड़ा था।

कस कर मिट्टी को पकड़ा था।।

पेड़ कट गया, मुट्ठी खुल गई।

बारिश आई, मिट्टी घुल गई।।

मृदा क्षरण गंभीर समस्या, फिर से पेड़ उगाना होगा।

जल संकट के समाधान को हरित क्रांति लाना होगा।।


जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।


मानव तीव्र गति से भागे।

कितना होगा उन्नत आगे।।

आधुनिकता में खोया है।

गहरी नींद खुले तो जागे।।

कहीं ग्लेशियर पिघल न जाए, खुद पर रोक लगाना होगा।

लेकर अपनी जिम्मेदारी, सबको आगे आना होगा।।


जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।


धुंआ ऊपर, धुंआ नीचे।

धुंआ आगे, धुंआ पीछे।।

धुंआ अंदर, धुंआ बाहर।

वायुमंडल धूम्र समंदर।।

टी बी, कैंसर से बचना है, वायु शुद्ध बनाना होगा।

जब तक वायु शुद्ध न होगी, हमको अलख जगाना होगा।।


जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।


नष्ट न होती कभी प्लास्टिक।

समझो, ये है बात मार्मिक।।

यदि उपयोग न बंद करा यह।

हो जाएगी नष्ट धरा यह।।

जीवन का जब नाम न होगा, कैसा पता ठिकाना होगा?

दुर्दिन के आने से पहले, पूरा जोर लगाना होगा।।


जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।


नदियों को मृत बना दिया है।

कूड़ा कचरा मिला दिया है।।

खत्म हुई इनकी सुंदरता।

कैसी यह मानव बर्बरता।।

अपना स्वार्थ त्याग, धरती को, फिर से स्वर्ग बनाना होगा।

पर्यावरण का संरक्षण कर, निज कर्त्तव्य निभाना होगा।।


जीवन यदि बचाना है तो पर्यावरण बचाना होगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आज, अभी नशे का सामान छोड़ दीजिए

पत्रकारों के लिए विशेष रचना

सबके पास कुछ ना कुछ सुझाव होना चाहिए।