अनुपस्थिति
अनुपस्थिति (ना होना)
अनुपस्थिति झुठला देती है उपस्थिति के स्वाभिमान को।
अनुपस्थिति झुठला देती है उपस्थिति के स्वाभिमान को।।
उपस्थिति कुछ नही कह पाती अनुपस्थिति बलवान को।
अनुपस्थिति बर्बाद कर देती है उपस्थिति के सम्मान को।।
अनुपस्थिति ने कहाँ छोड़ा राम, कृष्ण भगवान को।
उपस्थिति जरूरी है शब्दों से कर्म से मर्यादा से स्वयं के निर्माण को।।
अनुपस्थिति तहस नहस कर देती है इन्द्रियों के निर्माण को।
उपस्थिति स्वयं चाहिए थी राम कृष्ण भगवान को।।
अनुपस्थिति ने तोड़ दिया था राम कृष्ण भगवान को।
उपस्थिति के साथ अनुपस्थिति का सही ज्ञान होना चाहिए हर इंसान को।।
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