जीवन तेरा इरादा क्या है?


पा कर खोना, खो कर पाना,
जग में इससे ज्यादा क्या है?
सुधा कहीं और कहीं हलाहल,
जीवन तेरा इरादा क्या है?


मंजिल दूर नही है लेकिन,
मंजिल को पाने की खातिर,
इंसान में विश्वास है कितना,
खुद से खुद का वादा क्या है?


सुधा कहीं और कहीं हलाहल,
जीवन तेरा इरादा क्या है?


आँखों में उत्साह अगर हो,
मन में भी विश्वास अगर हो
और रंगों में भरा हो साहस
तो इस सफ़र में बाधा क्या है?


सुधा कहीं और कहीं हलाहल,
जीवन तेरा इरादा क्या है?



जीवन में कुछ मित्र मिले हैं,
जैसे जगमग दीप जले हैं,
मित्र, मित्र की मर्यादा है,
क्या पूरा और आधा क्या है?


सुधा कहीं और कहीं हलाहल,
जीवन तेरा इरादा क्या है?

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