निराकारं, निर्विकारं, निर्गुणं परमेश्वरम

सर्वव्यापी, परमशक्ति ईश को कर लें नमन।
निराकारं, निर्विकारं, निर्गुणं परमेश्वरम।।
सृष्टि के घट घट में और कण कण में जिनका वास है।
उनकी ही महिमा से तो हर जीव में हर श्वास है।।
हर बुराई का हमें करना हृदय में है शमन।
निराकारं, निर्विकारं, निर्गुणं परमेश्वरम।।

हम निरर्थक लोभ में अब और ना आसक्त हों।
ईश माता और पिता हैं, हम उन्हीं के भक्त हों।।
शुभ विचारों से है करना हमको अपना शुद्ध मन।
निराकारं, निर्विकारं, निर्गुणं परमेश्वरम।।

इंद्रियों को संयमित कर भक्ति के रथ पर चलें।
पाप को तज, ईश को भज, सत्य के पथ पर चलें।।
ना किसी को कष्ट दें हम, आज ही से लें ये प्रण।
निराकारं, निर्विकारं, निर्गुणं परमेश्वरम।।
सर्वव्यापी, परमशक्ति ईश को कर लें नमन।
निराकारं, निर्विकारं, निर्गुणं परमेश्वरम।।
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