कुंडली

 


****कुंडली!!****


बिटिया के लिए रिश्ता आया, 

                         मां ने पंडित को बुलवाया।

बोली पंडित जी बांचे तो,

                        कुंडली लड़के की जांचें तो।।


जब कुंडलियों का मिलान हुआ,

                        देख पंडित जी हैरान हुआ।

मां पूछी दिखती है कुछ चिंता,

                     क्या कुंडली इनका नहीं मिलता।।


नहीं ऐसी बात नहीं है जी,

                    छत्तीस गुण मिलती हैं इनकी।

बस चिंता मुझको व्यापी है,

           गुण इनका जेरॉक्स की फोटो कॉपी है।।


ऐसे में इनकी निभेगी कैसे, 

                      गृहस्थी की गाड़ी चलेगी कैसे।

जो समझ यहां मैं पाता हूं,

                        सच कहते हुए घबराता हूं।।


बिटिया जो देर तक सोती है,

                       लड़का भी देर तक सोता होगा।

कुछ काम नही करती घर की,

                       लड़का भी नहीं करता होगा।।


बिटिया तो मम्मी की स्वीटी है,

                      लड़का भी मम्मी का पप्पू होगा।

बिटिया का क्रोध है नाकों में, 

                    तो लड़का भी कहां शीतल होगा।।


जब सफेद में सफेद मिलाने से,

                      भला उसमें रंग कहां होगा।

जोड़ी रंगीन बनाना हो तो,

                     गुण भेद सहित अपनाना होगा।।


✍️ विरेन्द्र शर्मा

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