छा गए गगन पे...
छा गए गगन पे...🇮🇳❤️
।।जय हिंद! जय हिंद की सेना।।
एक बार, अपनी क्षमता का,
दुश्मन को फिर, लोहा मनवाया।
ताक ताक, हर एक ठिकाने पर,
मिसाइलें शरहद, पार बरसाया।
फिक्र जीवन की, कभी किए ना,
जय हिंद! जय हिंद की सेना!!
ये बातें, बड़ी बड़ी ना करते,
जो करना होता, कर दिखलाते।
अमन चैन तो, भाता इनको,
पर युद्ध में, बड़ी कहर बरपाते।
फिक्र जीवन की, कभी किए ना,
जय हिंद! जय हिंद की सेना!!
डरते नहीं, कदापि किसी से,
सदा चलते, सीना तान के।
भक्षक हैं ये, क्रूर हृदय के,
पर रक्षक, अपनी आन के।
फिक्र जीवन की, कभी किए ना,
जय हिंद! जय हिंद की सेना!!
एक बार भिड़, जाते जो ये,
फिर मुड़कर, देखा ना करते।
मातृ भूमि पर, शीश चढ़ाने,
बढ़ चढ़ के, सब आगे बढ़ते।
फिक्र जीवन की, कभी किए ना,
जय हिंद! जय हिंद की सेना!!
भय का नामों,निशां तक ना होता,
भय ही खुद भय,खाता है इनसे।
देख के दुश्मन,कांपे हैं थर थर,
मौत भी खुद डर जाता है इनसे।
फिक्र जीवन की, कभी किए ना,
जय हिंद! जय हिंद की सेना!!
✍️ विरेन्द्र शर्मा
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