एक प्याली चाय
(विश्व चाय दिवस पर)
जिंदगी से बड़ा करीबी नाता है,
मुझे बचपन से भाता है,
ये एक प्याली चाय….
मिल जाय, तो मजा आ जाय।
सरहदों पे जवान तैनात।
जाड़े की रात हो,और जागने की बात हो,
एक प्याली चाय….
मिल जाय, तो बात बन जाय।
रेलगाड़ी का सफर,
बहुत दूर है डगर,कैसे कटे ये सफर,
एक प्याली चाय….
मिल जाय, तो बात बन जाय।
सर पे एग्जाम है।
बस पढ़ना पढ़ना ही काम है,
थोड़ा तो मन बहल जाय,
एक प्याली चाय …
मिल जाय, तो चैन मिल जाय।
बहुत सारे मेहमान है,
सब भूख से परेशान हैं,
खाने में अभी देर है क्या?
एक प्याली चाय….
मिल जाय, तो बात बन जाय।
सुबह जल्दी जाना है,
कोई नींद से जगाय,
कहीं गाड़ी ना छूट जाए,सुबह सुबह,
एक प्याली चाय….
मिल जाय, तो बात बन जाय।
काम का बोझ बहुत है,
खतम होने का नाम ही नही लेता,
मन ऊब सा रहा है मैडम,
एक प्याली चाय…
मिल जाय, तो बात बन जाय।
✍️ विरेन्द्र शर्मा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें