ठोक अंतिम गोली
. **ठोक अंतिम गोली **
कैसे जाऊं घायल, छोड़ तुझे मैं,
रक्त तेरा तो, बह रहा अविरल।
देख साथी की हालत, सैनिक का,
मन हो रहा था, बड़ा विव्हल।
उसने कहा, मत चिंता कर मेरी,
बढ़ तू आगे, आगे बढ़।
उधेड़ बखिया, अब दुश्मन के,
हर परकोटे, पर जा चढ़।
बहुत करीब हैं, मंजिल के हम,
कमजोर न पड़, तू आगे बढ़।
मेरा जीवन तो, होम हुआ अब,
तू किला फतह कर, सीढ़ी चढ।
तेरी आंखों से, देखूंगा आजादी,
गाड़ दे तिरंगा, तू टीले पर।
वंदे मातरम की, गुंजन कर ठोक,
अंतिम गोली, दुश्मन के सीने पर।
जय हिंद ! जय भारत!!🇮🇳❤️
✍️ विरेन्द्र शर्मा
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