शहीद

 

शहीद


पद चिन्ह जिनके देश की सीमा बना रहे हैं।
वो नाम क्यों इतिहास से छुपाए जा रहे हैं।।


बर्फ, पहाड़, रेत, जंगल बड़ी तकलीफ है जहाँ।
गाँव की मिट्टी छोड़कर फौजी रहता है वहाँ।।


बीवी, बच्चे, माँ-बाप, बहन-भाई छूट जाते हैं।
देश की रक्षा के ख़ातिर कई नाते टूट जाते हैं।।


लरज़ते हाथ, राखी, बोझिल आँखें, राह तकती हैं।
फोन पे आवाज़ "घल आओना" सवाल करती है।।


कभी तो सलामत वो शरीर के साथ आ पाता है।
कभी लिपटे तिरंगे में शरीर से पहले आ जाता है।।


काश कि उसके चरणों को मैं पल-पल छूता होता।
काश कि उसके चरणों का मैं काला जूता होता।

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