वतन के वीर जवान


 *******************

वतन के वीर जवान

********************


अचूक निगाह,

देश की परवाह।


साहसी और बलिदानी,

वीर योद्धाओं की,

अमर कहानी।


दुश्मनों पर विजय,

न कोई डर न भय।


हो देश के लिए कुरबान,

करे न्यौछावर अपनी जान।


सरहद पर खड़ा,

बन पत्थर सा सख्त,

यही तो है हमारी,

आजादी की कीमत।


बम बारूद से घिरे,

मौत से लड़ते है,

जान देकर अपनी,

देश की रक्षा करते है।


दिया है भारत माँ को,

यही तो वचन,

लुटा देंगे हम देश की,

रक्षा में जानो तन।


********************

स्वरचित मौलिक रचना

अर्चना श्रीवास्तव

कवयित्री

नवा रायपुर, छत्तीसगढ़

********************

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आज, अभी नशे का सामान छोड़ दीजिए

पत्रकारों के लिए विशेष रचना

सबके पास कुछ ना कुछ सुझाव होना चाहिए।